भारत का आधुनिक फाइटर जेट ‘तेजस’: HAL की तकनीक ने दुनिया में बजाया डंका

भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को निरंतर मजबूत कर रहा है, और इस दिशा में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित तेजस फाइटर जेट एक शानदार उदाहरण बनकर उभरा है, जो वैश्विक स्तर पर भारत की तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन करता है।

दुबई एयर शो के दौरान तेजस के प्रदर्शन में कुछ घटनाएँ चर्चा में रही, लेकिन इसकी तकनीक, गति और युद्ध क्षमता ने एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया।

तेजस को विशेष रूप से आक्रामक वायु समर्थन, नजदीकी मुकाबला और ज़मीन पर हमले के मिशन के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह 4.5-जनरेशन के आधुनिक लड़ाकू विमानों की श्रेणी में आता है और अपने प्रकार का सबसे हल्का विमान है।

 तेजस फाइटर जेट कैसे बना?

तेजस का डिज़ाइन भारत की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा किया गया है, जबकि इसके निर्माण का कार्य हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के हाथों में है। यह विमान भारत का पहला स्वदेशी फाइटर जेट है, हालाँकि इसके प्रारंभिक मॉडल में विदेशी इंजन का इस्तेमाल किया गया था। वर्तमान में, भारतीय वायुसेना तेजस के Mk1 मॉडल का संचालन कर रही है, जबकि Mk1A संस्करण को नई और उन्नत तकनीकों के साथ विकसित किया जा रहा है।

तेजस परिवार में भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए सिंगल-सीट फाइटर और डुअल-सीट ट्रेनर वर्ज़न शामिल हैं।

🌟 तेजस फाइटर जेट की प्रमुख खूबियाँ

तेजस के एडवांस वर्ज़न में कई अत्याधुनिक तकनीकें शामिल की गई हैं, जो इसे भविष्य के युद्धक्षेत्र के लिए पूरी तरह सक्षम बनाती हैं। प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

✔ AESA रडार

यह रडार तेजस को लंबे दूरी पर टारगेट पकड़ने और मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग की क्षमता देता है।

✔ रडार वार्निंग और सेल्फ-प्रोटेक्शन सिस्टम

यह सिस्टम दुश्मन के रडार और मिसाइल से बचने में बेहद मददगार साबित होता है।

✔ डिजिटल मैप जेनरेटर

पायलट को रियल-टाइम लोकेशन और ऑपरेशनल अवेयरनेस देता है।

✔ स्मार्ट मल्टीफंक्शन डिस्प्ले

कॉकपिट में दी गई हाई-टेक डिस्प्ले उड़ान और कॉम्बैट से जुड़ी हर जानकारी साफ-साफ दिखाती है।

✔ कंबाइंड इंटरोगेटर और ट्रांसपोंडर सिस्टम

यह तेजस को मित्र और दुश्मन विमान की पहचान करने में मदद करता है।

✔ मॉडर्न रेडियो अल्टीमीटर और एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सेट

ये सिस्टम तेजस की ऑपरेशनल परफॉर्मेंस और सुरक्षा को मजबूती देते हैं।

तेजस का आधिकारिक नाम वर्ष 2003 में रखा गया था, जिसका संस्कृत में अर्थ होता है—चमक, शक्ति या प्रतिभा। विमान ने 2001 में अपनी पहली उड़ान भरी थी, और 2015 में भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया।

🛡 भारत की रक्षा रणनीति में तेजस का महत्व

तेजस सिर्फ एक विमान नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।
हल्का वजन, तेज गति, स्मार्ट एवियोनिक्स और आधुनिक हथियारों की क्षमता इसे भारत की आसमान में एक मज़बूत ढाल बनाती है।
दुनिया के कई देश भी तेजस में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, जिससे भविष्य में भारत के लिए रक्षा निर्यात के नए रास्ते खुल सकते हैं।

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