Tata Power का बड़ा कदम: भूटान में 1572 करोड़ की ग्रैंड डील से खुले नए ऊर्जा द्वार

एशिया में स्वच्छ ऊर्जा के बढ़ते महत्व को ध्यान में रखते हुए, Tata Power ने भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल की है। कंपनी ने भूटान में एक विशेष उद्देश्यीय कोष (SPV) में 1572 करोड़ रुपये का निवेश कर 40% हिस्सेदारी हासिल करने का निर्णय लिया है। यह कदम केवल व्यावसायिक विस्तार नहीं है, बल्कि दक्षिण एशिया में भारत की ऊर्जा उपस्थिति को और अधिक मजबूत करने का भी संकेत देता है।


🔋 क्यों है यह डील इतने सुर्खियों में?

Tata Power ने डुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन के साथ एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक समझौते के तहत यह निवेश किया है। इस सहयोग का प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है:

👉 1125 मेगावाट क्षमता वाली दोज़ीळुंग हाइड्रोपावर परियोजना का निर्माण करना 
👉 यह परियोजना भूटान की दूसरी सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना बनेगी 
👉 इसे देश की अब तक की सबसे बड़ी सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) परियोजना के रूप में भी जाना जा रहा है 

भूटान जैसे संसाधनों से समृद्ध देश में इस विशाल ऊर्जा परियोजना का काफ़ी महत्व है जो भारत के लिए भी लाभकारी साबित होगा। यह न केवल बिजली आपूर्ति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में देश की नेतृत्वकारी भूमिका को भी बढ़ावा देगा।

⚡ परियोजना भारत को क्या देगी?

इस मेगा प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद:

लगभग 80% बिजली भारत को सप्लाई की जाएगी

2031 तक इसके पूरी तरह चालू होने की उम्मीद है

भारत की clean energy availability में बड़ा सुधार आएगा

सीमावर्ती इलाकों में ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता मजबूत होगी


इस परियोजना को वर्ल्ड बैंक का समर्थन भी प्राप्त है, जिससे इसकी विश्वसनीयता और प्रभाव दोनों बढ़ जाते हैं।

📉 Tata Power शेयर का हाल

निवेशकों के लिए Tata Power का यह कदम सकारात्मक संकेत माना जा रहा है, लेकिन मौजूदा समय में इसका शेयर थोड़ा दबाव में है।

अभी शेयर की कीमत ₹386.95 के आसपास बनी हुई है

दिसंबर 2024 में यह ₹447.70 तक गया था (52-week high)

फरवरी 2025 में यह ₹326.25 तक गिरा (52-week low)


विशेषज्ञों का मानना है कि इस डील का असर आने वाले महीनों में शेयर सेंटिमेंट पर सकारात्मक रूप से देखने को मिल सकता है।


🌿 भविष्य की ऊर्जा रणनीति में Tata Power की भूमिका

Tata Power लगातार नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश बढ़ा रही है। दूसरे तिमाही में इसका मुनाफा 70% से अधिक बढ़कर 511 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
इसके अतिरिक्त, ऑपरेशनल लाभ और राजस्व दोनों में उछाल ने कंपनी को बड़े वैश्विक प्रोजेक्ट्स में कदम रखने का आत्मविश्वास दिया है।

📌 निष्कर्ष

भूटान में Tata Power की यह डील सिर्फ एक निवेश नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह परियोजना भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को बढ़ाएगी, बिजली की उपलब्धता को स्थिर करेगी और नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर के लिए नए अवसर खोलेगी।


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