SIR लिस्ट में असम को क्यों नहीं मिली जगह? CEC ज्ञानेश कुमार ने तोड़ी चुप्पी

भारत में हाल ही जारी हुई SIR (State Institutional Ranking) लिस्ट ने हर किसी को चौंका दिया है। जहाँ कई राज्यों ने शानदार प्रदर्शन किया, वहीं असम का नाम इस सूची से गायब देखकर लोगों के बीच सवालों की बौछार शुरू हो गई। आखिर असम को SIR लिस्ट में जगह क्यों नहीं मिली? और इस पर CEC ज्ञानेश कुमार ने क्या कहा? आइए जानते हैं पूरा मामला।

📊 SIR लिस्ट क्या है और क्यों है अहम?

SIR (State Institutional Ranking) यह एक रिपोर्ट है जो राज्यों के शैक्षणिक, प्रशासनिक और विकास कार्यों का प्रदर्शन आंकती है। यह रैंकिंग यह निर्णय करती है कि किस राज्य में अपने संस्थागत ढांचे और नीतियों में कितना प्रभावी है।
इसी लिस्ट के निर्माण के लिए कई पैमानों का प्रयोग किया जाता है — जैसे

>प्रशासनिक पारदर्शिता

>शिक्षा व शोध संस्थानों का प्रदर्शन

>राज्य की आर्थिक नीतियाँ

>सामाजिक विकास के मानक

इसी कारण, इस लिस्ट में शामिल होना किसी भी राज्य के लिए प्रतिष्ठा की बात मानी जाती है।

🤔 असम का नाम क्यों नहीं आया लिस्ट में?

जब लोगों ने देखा कि असम का नाम इस बार की SIR लिस्ट में नहीं है, तो सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे।
कई ने इसको राजनीति के कारणों से जोड़ा, तो कुछ ने कहा कि असम का प्रदर्शन पिछले साल के मुकाबले कमजोर रहा।

किन्तु अब इस पर खुद CEC (Chief Election Commissioner) ज्ञानेश कुमार ने चुप्पी तोड़ दी है।

🗣️ CEC ज्ञानेश कुमार ने क्या कहा?

ज्ञानेश कुमार ने मीडिया से बातचीत में साफ-साफ कहा —

असम को SIR लिस्ट से बाहर करने का फैसला किसी राजनीतिक दबाव में नहीं लिया गया। इस बार डेटा सबमिशन में कई तकनीकी कमियाँ थीं, जिनकी वजह से असम को शामिल नहीं किया जा सका।”

उन्होंने उन्हें बताया कि SIR टीम को असम सरकार की तरफ से सभी जरूरी रिपोर्ट समय पर नहीं मिली, जिससे लिस्ट तैयार करते समय उसका मूल्यांकन नहीं किया जा सका।
साथ ही, उन्होंने ये भी जोड़ा कि

“अगले मूल्यांकन चक्र में अगर राज्य पूरी जानकारी और मानक डेटा देगा, तो असम को फिर से रैंकिंग में शामिल किया जा सकता है।”

🌏 असम सरकार की प्रतिक्रिया

असम सरकार ने इस समस्या पर कहा है कि वह SIR टीम के साथ सहयोग बनाकर जल्द ही सभी तकनीकी समस्याएँ हल करेगी।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में शिक्षा और प्रशासन दोनों क्षेत्रों में सुधार जारी है और आने वाले वर्ष में असम निश्चित रूप से अपनी जगह बनाएगा।

🔍 निष्कर्ष: गलती सुधारने का मौका अभी बाकी है

SIR लिस्ट में असम का नाम ना होना वाकई निराशाजनक है, लेकिन यह राज्य के लिए एक चेतावनी और सुधार का उपकार भी है।
CEC ज्ञानेश कुमार का बयान साफ करता है कि असम को अगली बार फिर मौका मिलेगा — बशर्ते तैयारी पूरी हो।
अब यह देखना होगा कि आगे चलकर असम आने वाले महीनों में कितनी जल्दी अपने प्रदर्शन पर सुधार करता है और SIR 2026 की लिस्ट में वापस लौटता है या नहीं।

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