पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश में भूंकप के तेज झटके, भारत के कई राज्यों में भी महसूस हुई कंपन

दक्षिण एशिया एक बार फिर भूकंपीय गतिविधियों से दहल उठा है। पाकिस्तान में गुरुवार देर रात आए भूकंप के कुछ ही घंटे बाद शुक्रवार सुबह बांग्लादेश ने तेज झटके महसूस किए। 5.7 तीव्रता के इस भूकंप के प्रभाव भारत के कई इलाकों तक पहुंचे और लोगों में घबराहट का माहौल बन गया।

बांग्लादेश में 5.7 तीव्रता का भूकंप, भारत में महसूस हुए झटके

जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के मुताबिक शुक्रवार सुबह बांग्लादेश के नरसिंगी इलाके से करीब 13 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में भूकंप दर्ज किया गया। इसका केंद्र मात्र 10 किमी की गहराई पर था, जो इसे और खतरनाक बनाता है।

इसका असर सीधे भारत के पूर्वी हिस्सों तक पहुंचा। कोलकाता, मालदा, नादिया, कूच बिहार, और उत्तर बंगाल के कई क्षेत्रों में लोग कंपन महसूस होते ही घरों और ऑफिसों से बाहर निकल आए।


कोलकाता में घबराए लोग बोले— “जिंदगी का सबसे तेज भूकंप महसूस हुआ”

सोशल मीडिया पर कई लोगों ने बताया कि यह झटका असाधारण रूप से तेज था।

एक उपयोगकर्ता ने लिखा कि उनकी बिल्डिंग 30 सेकेंड तक हिलती रही।

दूसरे ने बताया कि यह झटका “इतना जोरदार था कि गहरी नींद से भी जागना पड़ गया।”


सुबह 10:10 बजे कोलकाता में करीब 2-3 सेकेंड तक तेज कंपन दर्ज किए गए। कई जगह दीवारों और खिड़कियों में कंपन महसूस हुआ।

पाकिस्तान में भी हिली धरती

इससे कुछ ही घंटे पहले पाकिस्तान में रात करीब 5.3 तीव्रता का भूकंप आया था।
इसका असर अफगानिस्तान सीमा के पास कई हिस्सों में देखा गया। हालांकि इस्लामाबाद और पेशावर जैसे शहरों से किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं मिली।

दक्षिण एशिया लगातार भूकंपीय जोखिम में क्यों?

विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश का यह पूरा इलाका हिमालयन टेक्टॉनिक प्लेट्स के टकराव क्षेत्र में आता है।
इंडियन प्लेट यूरोशियन प्लेट से लगातार टकराती रहती है, जिसके कारण यहां

* मध्यम तीव्रता के भूकंप

* लगातार कंपन

* और कभी-कभार बड़े झटके
सामान्य घटनाएं हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह सक्रिय क्षेत्र है, इसलिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

क्या कोई बड़ा नुकसान हुआ?

अब तक किसी भी देश से जनहानि या बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
हालांकि, विशेषज्ञों ने लोगों को सावधानी बरतने की अपील की है और कहा है कि आफ्टरशॉक्स आने की संभावना बनी रहती है।

निष्कर्ष

पाकिस्तान से लेकर बांग्लादेश और भारत तक महसूस हुए झटके इस बात की याद दिलाते हैं कि दक्षिण एशिया भूकंपीय दृष्टि से लगातार सक्रिय क्षेत्र है। त्वरित सतर्कता, तैयारियां और जागरूकता ही भविष्य में नुकसान कम कर सकती हैं।

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