गुवाहाटी में खेले जा रहे टेस्ट मैच का तीसरा दिन टीम इंडिया के लिए उम्मीद से ज्यादा चुनौतीभरा साबित हुआ। दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 288 रन की मजबूत बढ़त हासिल की और इसके बाद मेजबान टीम को फॉलो-ऑन न देने का फैसला किया। अपनी दूसरी पारी में भी अफ्रीका ने बिना विकेट खोए 26 रन जोड़कर कुल बढ़त को 314 तक पहुँचा दिया।
दिन खत्म होने तक रयान रिकेल्टन 13 रन पर और एडन मार्क्रम 12 रन पर नाबाद रहे। यह पार्टनरशिप भारत के लिए आने वाले दिन को मुश्किल बना सकती है।
🔥 यशस्वी जयसवाल की जुझारू पारी
भारत की ओर से यशस्वी जयसवाल ने अकेले दम पर मोर्चा संभाला। उन्होंने 58 रनों की शानदार पारी खेली और टीम को मुश्किल स्थिति से उबराने की कोशिश की। हालांकि दूसरे छोर से लगातार विकेट गिरते रहे। दक्षिण अफ्रीका की ओर से तेज गेंदबाज मार्को यासेन ने 48 रन देकर छह विकेट चटकाए और भारत की बल्लेबाज़ी की रीढ़ तोड़ दी।
कुलदीप यादव भी यासेन की गेंद का शिकार बने।
🔥 भारत की पहली पारी ढही — लेकिन कुलदीप ने बनाया इतिहास
एक समय भारत का स्कोर 95/0 था, लेकिन अगले 27 रनों के भीतर टीम ने छह विकेट खो दिए। मुश्किल समय में कुलदीप यादव और वॉशिंगटन सुंदर ने आठवें विकेट के लिए 72 रन जोड़कर टीम को वापसी का मौका दिया। सुंदर ने 48 रन बनाए, जबकि कुलदीप ने 19 रनों की धीमी लेकिन उपयोगी पारी खेली।
उनकी इस पारी ने एक अनोखा रिकॉर्ड भी दर्ज कराया —
➡️ घरेलू टेस्ट में 100 गेंद खेलने के बाद सबसे कम स्ट्राइक-रेट का भारतीय रिकॉर्ड।
उन्होंने 134 गेंदों में 19 रन बनाए, जिसमें तीन चौके शामिल थे। यह स्ट्राइक-रेट 14.18 रहा, जो राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर से भी कम है।
द्रविड़ और सचिन का भी रिकॉर्ड पीछे छूटा
2004 नागपुर टेस्ट में द्रविड़ ने 140 गेंदों में 21 रन बनाए थे (स्ट्राइक-रेट 15.00)।
2005 चेन्नई टेस्ट में सचिन ने 126 गेंदों में 22 रन बनाए थे (स्ट्राइक-रेट 17.46)।
कुलदीप का यह आंकड़ा भारतीय क्रिकेट में दुर्लभ है, लेकिन यह भी दिखाता है कि उन्होंने मुश्किल हालात में टिककर खेलना चुना।
📌 निष्कर्ष
गुवाहाटी टेस्ट अब बेहद रोमांचक मोड़ पर खड़ा है। अफ्रीकी टीम मजबूत स्थिति में है जबकि भारत के सामने चुनौती होगी कि अगली पारी में बल्लेबाज़ कितना टिककर खेलते हैं। यशस्वी और कुलदीप का प्रयास सराहनीय रहा, लेकिन मैच की दिशा अब आगे की बल्लेबाज़ी तय करेगी।
