नई दिल्ली — सोमवार की शाम लगभग 6:52 से 7:00 बजे के बीच लाल किले के नजदीक स्थित लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास एक Hyundai i20 में अचानक भीषण विस्फोट हुआ। धमाके की आवाज़ कई किलोमीटर तक सुनाई दी, और इसके बाद आग ने आसपास खड़ी कई गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं और कम से कम 8 से 9 लोगों की मौत हो गई है; घायलों को नजदीक के अस्पतालों में भर्ती किया गया है।
घटना के तुरंत बाद, फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीमों ने क्षेत्र को सील कर दिया। फॉरेंसिक, FSL, और स्पेशल इंटेलिजेंस की टीम ने मौके पर पहुँचकर सबूत एकत्रित करना शुरू किया, जिसमें सीसीटीवी फुटेज भी शामिल था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाका इतना तेज था कि आसपास खड़ी गाड़ियों के शीशे चटक गए। कुछ दुकानों और स्टॉल्स को भी नुकसान पहुंचा, जिससे खून-खराबा और भयावह दृश्य उत्पन्न हुए। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पानी और दमकल बल को तैनात किया और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र स्थापित किए। घायल व्यक्तियों का इलाज LNJP अस्पताल और अन्य नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में जारी है।
धमाके के कारणों की जांच की जा रही है, जिसमें आतंकी हमला, गैस लीक, तकनीकी खराबी या कोई अन्य कारण शामिल हो सकते हैं, लेकिन अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है। दिल्ली पुलिस ने गंभीरता से मामले को लेते हुए UAPA और विस्फोटक संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है, और राष्ट्रीय जांच एजेंसियाँ (NIA) भी जांच में शामिल हो गई हैं। दिल्ली के साथ-साथ महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और अन्य क्षेत्रों में हाई-अलर्ट घोषित किया गया है। इस संदर्भ में अतिरिक्त सुरक्षा जांच और यात्रा संबंधी सलाह भी जारी की गई है। नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक जानकारी का पालन करें। यदि किसी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति का पता चले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
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कहां: लाल किला (Red Fort) — लाल किला मेट्रो स्टेशन (Gate No.1)।
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कब: सोमवार शाम ~6:52–7:00 बजे।
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कितने मरे/घायल: प्रारम्भिक रिपोर्ट में 8–9 मृत और 20+ घायल (अंक अलग-अलग स्रोतों में मामूली भिन्न)।
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वाहन/सामान्य नुकसान: विस्फोट से कई कारें, ऑटो-रिक्शा और आसपास के स्टॉल्स जलकर नष्ट। दमकल ने आग पर काबू पाया।
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जांच: Delhi Police + NIA/NSG/FSL/Forensics सक्रिय; UAPA व विस्फोटक धाराएँ लागू।
सुझाव —
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गोर विवरण सीमित रखें: घटना की भयावहता बताएं लेकिन शॉक-विलेविंग (graphic) विवरण से बचें जब तक प्रमाणित न हों।
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स्रोत वेरिफिकेशन: किसी भी नाम/पहचान को तब तक प्रकाशित न करें जब तक आधिकारिक पुष्टि न मिले (अस्पताल/पुलिस बुलेटिन)।
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अपडेटेड रहें: ऐसे मामले तीव्र गति से बदलते हैं — खबर के हर बड़े अपडेट के साथ पोस्ट में टाइम-स्टैम्प और स्रोत जोड़ें।
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साइट-टेक्स्ट: अपने पृष्ठ पर emergency helpline/nearest hospital के नंबर जोड़ दें — यह पाठक के लिए उपयोगी होगा
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