🏙️ दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण, AQI पहुंचा 335
देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर प्रदूषण की मार झेल रही है। शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 335 दर्ज किया गया, जिससे शहर ‘रेड ज़ोन’ में पहुंच गया। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के मुताबिक, हवा में PM2.5 की मात्रा सबसे खतरनाक स्तर पर रही।
दीवाली के बाद से ही दिल्ली की हवा लगातार खराब बनी हुई है. पिछले एक सप्ताह में कई बार एयर क्वालिटी ‘वेरी पुअर’ से ‘सीवियर’ कैटेगरी में पहुंची है. विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते वाहन उत्सर्जन, निर्माण धूल और पराली जलाने की घटनाओं ने राजधानी की हवा को ज़हरीला बना दिया है.
सुबह का तापमान 11°C, पर धुंध ने बढ़ाई परेशानी 8 नवंबर की सुबह 11 डिग्री सेल्सियस के न्यूनतम तापमान के साथ शुरू हुई, लेकिन ठंडी हवा राहत नहीं बल्कि प्रदूषण को जमीन के करीब रोकने का काम कर रही है। इस वजह से स्मॉग की परत और घनी हो गई है।
राहगीरों ने कहा, शिकायत की कि सुबह की सैर कर रहे और स्कूल जा रहे बच्चे साँस लेने में दिक्कत हो रही है।
⚠️ स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
डॉक्टरों का कहना है कि इस स्तर का AQI फेफड़ों, आंखों और गले के लिए बेहद हानिकारक है।
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग —
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सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से बचें
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मास्क का प्रयोग करें
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बच्चों और बुजुर्गों को बाहर खेलने या टहलने से रोकें
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घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल बढ़ाएं सरकार और प्रशासन की तैयारी
दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कई कदम लागू किए हैं —
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निर्माण कार्यों पर रोक
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डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध
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स्कूलों में आउटडोर एक्टिविटी पर रोक
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सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता
फिर भी, विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए लंबी अवधि की नीति की जरूरत है, जिसमें स्वच्छ ऊर्जा, हरियाली बढ़ाना, और वाहनों के वैकल्पिक ईंधन शामिल हों।
निष्कर्ष
दिल्ली इस वक्त न सिर्फ ठंड बल्कि प्रदूषण के दोहरे हमले से गुजर रही है। अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले हफ्तों में हालात और बिगड़ सकते हैं। साफ हवा के लिए अब सिर्फ सरकार नहीं, बल्कि नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
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