बिहार का नया राजनीतिक अध्याय: गांधी मैदान में नीतीश कुमार ने संभाली कमान | शपथ ग्रहण समारोह की बड़ी बातें

बिहार में आज का दिन ऐतिहासिक महत्व रखता है। पटना के गांधी मैदान में आयोजित एक शानदार कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान पूरा मैदान उत्साह से भर गया, और यह सुरक्षा व्यवस्था तथा राजनीतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बन गया।

प्रधानमंत्री मोदी के आगमन की तैयारियां, नेताओं का जमावड़ा

सुबह से ही समारोह स्थल पर काफी सक्रियता देखी गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और विभिन्न राज्यों के कई मुख्यमंत्री गांधी मैदान में पहुंच चुके थे। सभी का ध्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर था, जिनका समारोह में आना समारोह की गरिमा को और बढ़ाने वाला था।

🔴 10:57 AM – नीतीश कुमार हुए रवाना, समर्थकों में उत्साह

सुबह 10:57 बजे नीतीश कुमार मुख्यमंत्री आवास से निकलकर गांधी मैदान की ओर रवाना हुए।
उनके साथ जदयू के वरिष्ठ नेता संजय झा भी मौजूद रहे।
समर्थकों में उत्साह साफ नजर आ रहा था, क्योंकि यह मौका केवल राजनीतिक नहीं बल्कि इतिहास रचने वाला था — एक व्यक्ति का 10वीं बार मुख्यमंत्री बनना बेहद दुर्लभ है।


🔴 10:15 AM – मंत्रियों को फोन, कैबिनेट गठन की हलचल

इससे पहले भाजपा कोटे के 17 विधायकों को मंत्री पद की शपथ के लिए फोन किए जाने की खबरें सामने आईं।
इनमें शामिल कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:

सम्राट चौधरी

विजय सिन्हा

श्रेयसी सिंह

रमा निपात

सुरेंद्र मेहता

मंगल पांडे

प्रमोद चंद्रवंशी

अरुण शंकर प्रसाद
आदि…

इन कॉल्स के बाद पटना के राजनीतिक गलियारों में नए कैबिनेट को लेकर चर्चाएँ तेज हो गईं।

🔴 11:03 AM – अमित शाह पहुंचे गांधी मैदान, समारोह में बढ़ी रौनक

11:03 बजे अमित शाह के गांधी मैदान पहुँचते ही माहौल और जोश से भर गया।
भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नेताओं के स्वागत की तैयारियाँ जोरों पर थीं।
लोगों में बस एक ही सवाल — “प्रधानमंत्री कब पहुँचेंगे?”


✨ शपथ समारोह की खास बातें

1️⃣ भारी सुरक्षा व्यवस्था

चूंकि यह बड़ा राजनीतिक कार्यक्रम था, गांधी मैदान और आस-पास के इलाकों में सुरक्षा के बेहद पुख़्ता इंतज़ाम किए गए।

2️⃣ राजनीतिक समीकरणों का संकेत

नीतीश कुमार का 10वीं बार मुख्यमंत्री बनना और भाजपा नेताओं की सक्रियता आने वाले राजनीतिक समीकरणों का संकेत देती है।

3️⃣ जनता की भीड़

गांधी मैदान के बाहर भारी संख्या में लोग मौजूद थे, जो एक बार अपने नेता की झलक पाने के लिए उत्सुक थे।

📝 निष्कर्ष

बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का फिर से सत्ता में लौटना कई नई संभावनाओं के रास्ते खोलता है।
गांधी मैदान में हुआ यह शपथ ग्रहण सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं था — यह राजनीतिक स्थिरता, नई उम्मीदों और आने वाले समय की दिशा का संकेत था।

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