बिग बॉस 19 का नया सीजन अपने फिनाले के करीब पहुंच रहा है और घर का माहौल हर दिन और भी तात्कालिक होता जा रहा है। कुछ समय तक शांत रहने वाले गौरव खन्ना अब अचानक चर्चा का मुख्य केंद्र बन गए हैं। शो के ट्रेलर, प्रोमो और मीडिया इंटरैक्शन से यह स्पष्ट है कि इस दौर में प्रतियोगिता केवल ताकत पर नहीं, बल्कि दिमाग की कुशलता पर भी निर्भर कर रही है—और इस खेल में गौरव खन्ना ने खास पहचान बना ली है।
हाल ही में एक मीडिया राउंड के दौरान, गौरव के बारे में एक ऐसा टिप्पणी की गई जिसने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। एक पत्रकार ने उन्हें ‘शेर की खाल में लोमड़ी’ करार दिया। इस टिप्पणी के बाद फैन्स और दर्शकों के बीच तीखी बहस छिड़ गई |
गौरव का तगड़ा जवाब—“बिना गाली-गलौज भी गेम जीता जा सकता है”
गौरव खन्ना ने इस सवाल का जवाब देते हुए शांत और स्पष्ट आवाज में कहा कि बिना किसी गाली-गलौज और अनावश्यक नाटक के भी कोई विजेता बन सकता है। उन्होंने ये भी बताया कि बिग बॉस जैसे कार्यक्रम में केवल शारीरिक ताकत ही नहीं, बल्कि मानसिक क्षमता और धैर्य भी महत्वपूर्ण हैं।
गौरव के अनुसार, वे इस सीजन को जीतने के लिए रणनीति, तर्क और सकारात्मक खेल शैली का सहारा ले रहे हैं। इसके तुरंत बाद, सोशल मीडिया पर कई दर्शक उनके समर्थन में सामने आए।
टॉप 3 में लगातार ट्रेंड—फैंस की उम्मीदें ऊँची
गौरव खन्ना, फरहाना भट्ट और अमाल मलिक इन दिनों लगातार टॉप ट्रेंडिंग लिस्ट में जगह बनाए हुए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन तीनों में से ही इस बार का विजेता मिल सकता है।
लेकिन बिग बॉस का इतिहास यही कहता है कि आखिरी हफ्ते में वोटिंग के कारण पूरा खेल बदल जाता है। इसलिए मुकाबला बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुका है।
क्यों कहा गया ‘लोमड़ी’? ये है पूरी कहानी
प्रोमो वीडियो में दिखाया गया कि मीडिया ने गौरव से कड़े सवाल पूछे। एक पत्रकार ने पूछा—
“क्या आप उस तरह की लोमड़ी हैं जो शेर की खाल में घूम रही है?”
यह सवाल सीधे उनकी रणनीति और गेम स्टाइल पर कटाक्ष था। मगर गौरव ने बड़ी maturity से जवाब देकर न सिर्फ लोगों का दिल जीता बल्कि खुद को एक मजबूत फाइनलिस्ट की तरह भी पेश किया।
फैंस ने कहा—“गौरव असली गेम चेंजर है”
जैसे ही प्रचार वायरल हुआ, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर गौरव के समर्थन में पोस्ट्स की भरमार लग गई। विशेषज्ञों का मानना है कि गौरव ने अपने शांत स्वभाव के साथ खेल में वह स्पष्टता दिखाई है जो कई अन्य प्रतियोगियों में कमी नजर आती है।
अब यह देखना रोचक होगा कि ट्रॉफी किसके पास जाती है—साधारण सोच वाले गौरव के हाथ में या फिर मजबूत प्रतियोगियों के।
