एशिया के दो प्रमुख आर्थिक शक्तियों—चीन और जापान—के बीच वर्तमान कूटनीतिक तनाव ने पूरे क्षेत्र के माहौल को बदल कर रख दिया है। इस संघर्ष से सबसे बड़ा लाभ अप्रत्याशित रूप से भारत को हुआ है। बीजिंग ने जापानी समुद्री खाद्य पदार्थों पर सम्पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके चलते अब आयातकों के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं। इस स्थिति का लाभ उठाते हुए, भारतीय समुद्री खाद्य उत्पादकों ने तेजी से इस कमी को पूरा करने का प्रयास किया है।
चीन में अचानक बढ़ी मांग ने भारत के सीफूड उद्योग के लिए एक सुनहरा मौका पैदा किया है, जिससे यह क्षेत्र और भी मजबूत हो सकता है।

📈 शेयर मार्केट में हलचल: इंडियन सीफूड कंपनियों की धमाकेदार बढ़त
चीन से आई बढ़ी मांग का सीधा असर भारतीय स्टॉक मार्केट पर भी दिखा। कई एक्सपोर्ट कंपनियों के शेयरों में 5% से लेकर 11% तक की उछाल दर्ज की गई।
तेलंगाना की इंटीग्रेटेड सीफूड कंपनी अवंती फीड्स इसके प्रमुख उदाहरणों में से एक रही, जिसके शेयरों ने लगभग 10% तक की छलांग लगाई। यह कंपनी पिछले दो महीनों में इतनी तेजी पहली बार देख रही है।
वहीं, भारत के प्रमुख एक्सपोर्टर्स में शामिल कोस्टल कॉर्पोरेशन के शेयरों में भी जोरदार उछाल दर्ज किया गया।
कंपनियों की कोशिश है कि इस बदलते माहौल का पूरा फायदा उठाते हुए चीन समेत एशियाई मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत की जाए।
🇮🇳 भारत के लिए क्यों फायदेमंद है यह मौका?
चीन ने जापान पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए आयात बंद किया
जापान की सप्लाई रुकने से चीन में सीफूड की कमी
भारत तुरंत सबसे बड़ा विकल्प बनकर उभरा
अमेरिकी टैरिफ से परेशान भारतीय उद्योग को नई राहत मिली
मार्केट में बढ़ी मांग ने एक्सपोर्टर्स को नई ऊर्जा दी
आर्थिक विश्लेषकों का भी मानना है कि यदि यह स्थिति लंबी चली, तो भारत का सीफूड उद्योग आने वाले महीनों में रिकॉर्ड ग्रोथ दर्ज कर सकता है।
