क्रिप्टो बाजार एक बार फिर से गंभीर उतार-चढ़ाव का सामना कर रहा है। बिटकॉइन, जो लंबे समय से निवेशकों के लिए “सुरक्षित आश्रय” माने जाते थे, अब 7 महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ने 2025 की शुरुआत में जो भी प्रगति की थी, उसे पूरी तरह से गंवा दिया है। इस स्थिति के बीच, निवेशक यह निर्णय लेने में असमर्थ हैं कि आगे क्या होगा।
📉 बिटकॉइन की ऐतिहासिक गिरावट
अक्टूबर 2025 में 1,26,000 डॉलर (लगभग ₹1.05 करोड़) के उच्चतम स्तर तक पहुंचने वाला बिटकॉइन अब करीब 30% गिरकर 90,000 डॉलर से भी नीचे चला गया है। मंगलवार को एशियाई बाजार में कारोबार के दौरान इसकी कीमत 89,953 डॉलर तक गिर गई, जो पिछले सात महीनों में इसका सबसे कमजोर स्तर है।
पिछले हफ्ते, यह 98,000 डॉलर के महत्वपूर्ण समर्थन स्तर को तोड़ चुका था, जिसने गिरावट को और भी बढ़ा दिया।
💥 गिरावट के प्रमुख कारण
मार्केट एक्सपर्ट्स इस क्रैश के पीछे कई वजहें बता रहे हैं:
1. अमेरिकी ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता
फेडरल रिजर्व की संभावित दर कटौती पर बना अनिश्चित माहौल क्रिप्टो जैसी रिस्की एसेट्स से पैसा बाहर खींच रहा है।
2. बड़े संस्थागत निवेशकों की सेलिंग
हांगकांग Web3 एसोसिएशन के को-चेयर जोशुआ चू के अनुसार:
“तेजी के दौरान खरीदे गए क्रिप्टो एसेट्स अब संस्थानों द्वारा बेचे जा रहे हैं, जिससे बाजार में घबराहट तेज हो रही है।”
3. वैश्विक बाजारों में नकारात्मक सेंटीमेंट
एशिया के टेक शेयरों—खासकर जापान और दक्षिण कोरिया के—में भी भारी गिरावट दिखी है, जिसने निवेशकों के मनोबल को और कमजोर किया।
🪙 सिर्फ बिटकॉइन ही नहीं… बाकी क्रिप्टो भी बुरी तरह पिटे
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Ethereum (ETH) अगस्त के हाई से 40% टूटकर 2,997 डॉलर पर आ गया।
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बिटकॉइन होल्डिंग कंपनियों, माइनिंग फर्म्स और क्रिप्टो एक्सचेंजों के शेयर भी गिरावट की चपेट में हैं।
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एशियाई टेक स्टॉक्स पर इसका दबाव साफ दिख रहा है|
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📊 आगे बिटकॉइन कहां जा सकता है?
Astronaut Capital के CIO मैथ्यू डिब कहते हैं:
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“मौजूदा दौर में इन्वेस्टर्स का कॉन्फिडेंस काफी कमजोर है। अगर वोलैटिलिटी बढ़ती रही तो बिटकॉइन अगले बड़े सपोर्ट 75,000 डॉलर की तरफ जा सकता है।”
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यानी आने वाले दिनों में क्रिप्टो मार्केट और भी दबाव में रह सकता है।
