भारत के कॉरपोरेट जगत में एक बार फिर हलचल मच गई है। अडानी ग्रुप जल्द ही जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को अपने अधिग्रहण की लिस्ट में शामिल कर सकता है, ऐसी खबरें हैं। अगर ऐसा हुआ, तो यह ग्रुप के तेजी से बढ़ते साम्राज्य में एक और बड़ी उपलब्धि होगी।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी एंटरप्राइजेज ने जयप्रकाश एसोसिएट्स को इंसॉलवेंसी प्रोसेस के तहत खरीदने का प्रस्ताव रखा है। दिलचस्प बात यह है कि वेदांता ग्रुप भी इस रेस में शामिल है, लेकिन अडानी के पेमेंट स्ट्रक्चर और ऑफरिंग के चलते उसके आगे निकलने की संभावना जताई जा रही है।
💰 अडानी बनाम वेदांता: किसका ऑफर दमदार?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी एंटरप्राइजेज ने 2 साल में पूरा भुगतान करने का प्रस्ताव दिया है, जबकि वेदांता ने 5 साल की अवधि में पेमेंट की बात कही है.
इस तेज़ पेमेंट टाइमलाइन के चलते अडानी ग्रुप का ऑफर ज्यादा आकर्षक माना जा रहा है।
सितंबर 2025 में, वेदांता ने सबसे ऊंची बोली लगाई थी — करीब ₹12,505 करोड़। तब ऐसा लगा था कि वेदांता यह डील जीत जाएगी। लेकिन जब से कर्जदाता कंपनियों ने सभी प्रस्तावों पर नई चर्चा शुरू की है, हालात बदल सकते हैं।
🏦 कर्जदाताओं की अगली चाल: दो हफ्तों में वोटिंग
रिपोर्ट्स बताती हैं कि कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) ने पिछले हफ्ते सभी प्रस्तावों की समीक्षा की है। अब, वोटिंग अगले दो हफ्तों में अडानी के रिवाइज्ड प्लान पर होने की संभावना है |
अगर अडानी को बहुमत मिले, तो जयप्रकाश एसोसिएट्स जल्द ही अडानी ग्रुप का हिस्सा बन सकती है।
🏗️ जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड कौन है?
जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) कभी भारत के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और सीमेंट कारोबारों में गिनी जाती थी।
कंपनी रियल एस्टेट, पावर, होटल, सीमेंट और रोड इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर्स में सक्रिय है।
लेकिन बढ़ते कर्ज और कोर्ट केसों के चलते कंपनी की वित्तीय हालत बिगड़ गई।
अप्रैल 2025 में 25 कंपनियों ने JAL को खरीदने में रुचि दिखाई, लेकिन आखिरकार सिर्फ 5 कंपनियां — अडानी, वेदांता, डालमिया सीमेंट, जिंदल पावर और पीएनसी इंफ्राटेक — ने अपनी बोली जमा की।
⚖️ डालमिया का सशर्त ऑफर और कानूनी पेंच
रिपोर्ट के मुताबिक, डालमिया सीमेंट ने इस अधिग्रहण के लिए एक सशर्त ऑफर (Conditional Offer) दिया था।
क्योंकि जयप्रकाश एसोसिएट्स और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस लंबित है।
यही वजह रही कि डालमिया का प्रस्ताव अधर में लटक गया।
🔍 क्यों अहम है यह डील?
अगर यह डील अडानी के पक्ष में जाती है, तो यह उनके इंफ्रास्ट्रक्चर और सीमेंट बिजनेस को बड़ा बूस्ट देगी।
जयप्रकाश एसोसिएट्स के पास देशभर में फैले कई प्रोजेक्ट्स और मजबूत मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क हैं। दूसरी ओर, अडानी समूह इसे अपने चल रहे ग्रीन एनर्जी और कंस्ट्रक्शन इकोसिस्टम से जोड़ सकता है, जिससे समूह की बाजार पकड़ और मजबूत होगी।
⚠️ निवेशकों के लिए चेतावनी
यह खबर सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से है।
शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें।
