Mausam ने कई भारतीय राज्यों में करवट ले ली है। अरब सागर से बना मोंथा तूफान (Montha Cyclone) अब भारतीय तट की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि यह तूफान अगले 24 से 36 घंटों में करीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तटीय इलाकों से टकरा सकता है।

🌊 कहाँ करेगा लैंडफॉल?
मौसम विभाग के अनुसार, मोंथा तूफान का केंद्र वर्तमान में समुद्र में सक्रिय है और यह ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के तटों की ओर बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह तूफान जैसे-जैसे जमीन के करीब आएगा, इसकी रफ्तार और तेज़ होती जाएगी।
लैंडफॉल के दौरान हवा की स्पीड 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक आती है, जिससे तटीय क्षेत्रों में पेड़ गिरने, बिजली टूटने और मछुआरों के लिए खतरा बढ़ता है।
☔ यूपी-बिहार में भी बारिश का अलर्ट
हालांकि तूफान का केंद्र तटीय इलाकों में है, लेकिन इसका असर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश तक देखा जा सकता है।
मौसम विभाग ने घोषणा की है कि अगले 2-3 दिनों के लिए इन राज्यों में भारी बारिश और ज़ोरदार हवाएँ चलने की संभावना बनी रहेगी।
राजधानी पटना, वाराणसी, लखनऊ, प्रयागराज और गोरखपुर में भी बादल छाये रहने और गरज़ात के साथ बारिश की उम्मीद है.
⚠️ मौसम विभाग की चेतावनी
IMD ने मछुआरों और तटीय क्षेत्रों की निवासियों को आगाह किया है कि वे समुद्र में न जाएं और आवश्यक सावधानियां बरतें।
प्रशासन ने भी रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है ताकि लोगों को संभावित खतरे से पहले से सतर्क किया जा सके।
🌀 क्यों ख़ास है मोंथा तूफान?
‘मोंथा’ नाम यमन देश ने दिया है, जिसका अर्थ होता है “एक ताक़तवर हवा“。
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनने वाले यह कुछ दुर्लभ तूफानों में से एक है, जो इतनी तेज़ी से विकसित हुआ है।
🌧️ लोगों से अपील
मौसम विभाग ने आम जनसंख्या से अपील की कि वे अफवाहों को ध्यान नहीं दें और सिर्फ आधिकारिक मौसम अपडेट्स पर भरोसा करें।
साथ ही, बिजली के खंभों, पेड़ों और खुले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
📌 निष्कर्ष
मोंथा तूफान आने वाले दिनों में भारत के कई राज्यों में मौसम की तस्वीर पूरी तरह बदलने वाला है। तेज़ हवाएं, लगातार बारिश और समुद्री उथल-पुथल से लोगों को सावधान रहना होगा।
प्रशासन और सरकार ने अब अपनी तैयारी की है — अब जनता की सुरक्षा सजगता पर ही निर्भर है।
