भारत का ऑटो सेक्टर अक्टूबर 2025 में एक बार फिर रफ्तार पकड़ता दिखा। त्योहारी सीजन, बेहतर मॉनसून और जीएसटी 2.0 सुधारों के असर ने इस बार कार कंपनियों की बिक्री को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और ह्युंडई जैसी प्रमुख कंपनियों ने जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की है। आइए जानते हैं किस कंपनी ने कितना धमाल मचाया —
मारुति सुजुकी: फिर साबित किया नंबर 1 ब्रांड का टैग:
मारुति सुजुकी अक्टूबर 2025 में 1,92,139 यूनिट्स की बिक्री दर्ज कर चुकी है जो पिछले साल की तुलना में 8.3% ज्यादा है. कंपनी ने इस दौरान 1,88,642 पैसेंजर व्हीकल्स के साथ 3,515 लाइट कमर्शियल वाहनों की बिक्री की. सबसे ज्यादा डिमांड स्विफ्ट, डिजायर और वैगनआर जैसे मॉडल्स में देखने को मिल रही है. यह त्योहारी सीजन में छोटे कार सेगमेंट के प्रति उपभोक्ताओं की बढ़ती रुचि का साफ संकेत है |
टाटा मोटर्स: कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में तेज रफ्तार :
टाटा मोटर्स ने अक्टूबर 2025 में कुल 37,530 कमर्शियल वाहनों की बिक्री की, जो पिछले साल के मुकाबले 10% की बढ़त दर्शाता है। घरेलू बाजार में 35,108 यूनिट्स बिके जबकि एक्सपोर्ट्स 2,422 यूनिट्स रहे। कंपनी के इलेक्ट्रिक और ट्रक सेगमेंट ने इस ग्रोथ को मजबूती दी है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा: SUV की बिक्री ने बनाया नया रिकॉर्ड:
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इस बार सबसे बड़ी छलांग लगाई है। कंपनी की कुल बिक्री 1,20,142 यूनिट्स रही, जो पिछले साल से 26% ज्यादा है। खास बात यह रही कि SUV सेगमेंट में 71,624 यूनिट्स की बिक्री के साथ कंपनी ने अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा छुआ। XUV700, Scorpio-N और Thar जैसे मॉडल्स ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया।
ह्युंडई मोटर इंडिया: क्रेटा और वेन्यू की जोड़ी छाई रही !
ह्युंडई ने अक्टूबर 2025 में कुल 69,894 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की, जिसमें 53,792 घरेलू बिक्री और 16,102 यूनिट्स का एक्सपोर्ट शामिल रहा। कंपनी के COO तरुण गर्ग ने बताया कि दशहरा, धनतेरस और दिवाली की वजह से मार्केट में जबरदस्त मांग देखने को मिली। क्रेटा और वेन्यू की संयुक्त बिक्री 30,119 यूनिट्स रही, जो कंपनी की सफलता का बड़ा कारण बनी।
🔍 निष्कर्ष:
भारतीय ऑटो सेक्टर को त्योहारी मांग, आसान फाइनेंसिंग, जीएसटी राहत और ग्रामीण बाजार में बढ़ती ताकत ने नई ऊर्जा दी है। आने वाले महीनों में भी यह रफ्तार कायम रहने की उम्मीद है। अगर यही रुझान बना रहा, तो 2025 भारत के ऑटो इंडस्ट्री के लिए ‘गोल्डन ईयर’ साबित हो सकता है।
